नई दिल्ली। सरकार गुणवत्तापूर्ण व्यय में सुधार, सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने और वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.5 प्रतिशत पर लाने पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगी। केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में घोषित राजकोषीय समेकन के सुगम मार्ग पर चलने और वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत से कम रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह जानकारी वित्त मंत्रालय ने राजकोषीय उत्तरदायित्व तथा बजट प्रबंधन अधिनियम 2003 के तहत प्राप्तियों व व्यय के रुझानों और सरकार के दायित्वों को पूरा करने में विचलन की अर्धवार्षिक समीक्षा पर दी। इसे पिछले सप्ताह लोकसभा में रखा गया था। अर्धवार्षिक समीक्षा में कहा गया, ‘सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता में सुधार लाने पर जोर दिया जाएगा, साथ ही गरीबों और जरूरतमंदों के लिए सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत किया जाएगा। यह दृष्टिकोण देश के वृहद-आर्थिक बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने में मदद करेगा और समग्र वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करेगा।’
बयानों के अनुसार, बजट 2024-25 यूरोप तथा पश्चिम एशिया में युद्धों के कारण उत्पन्न वैश्विक अनिश्चितताओं की पृष्ठभूमि में प्रस्तुत किया जाएगा। भारत की सुदढ़ वृहद आर्थिक बुनियाद ने देश की वैश्विक अर्थव्यवस्था को, प्रभावित करने वाली अनिश्चितताओं से बचाया है।