नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी और स्टील, पावर, एनर्जी के साथ पोर्ट बिजनेस करने वाले एस्सार ग्रुप के को-फाउंडर शशि रुइया का लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया। वह 81 साल के थे। रुइया पहली पीढ़ी के उद्योगपति थे और वह अपने पीछे ट्रांसफॉर्मेटिव लीडरशिप और इनोवेशन की विरासत छोड़ गए। रुइया अपने कारोबारी जीवन के अलावा परोपकारी कामों के लिए भी जाने जाते थे।
एस्सार ग्रुप की शुरुआत कैसे की?
शशि और उनके छोटे भाई रवि रुइया ने 1969 में एस्सार ग्रुप की नींव रखी। इसमें शुरुआती निवेश 2.5 करोड़ रुपये का था। कंपनी ने एक कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग फर्म के तौर पर शुरुआत की। इसका काम पुल, बांध और बिजली संयंत्र जैसे अहम इन्फास्ट्रक्चर बनाना था।
ऑयल-टेलिकॉम सेक्टर में एंट्री
एस्सार ने 1980 के दशक तक एनर्जी सेक्टर में विस्तार कर लिया। उसने कई प्रमुख तेल और गैस एसेट्स को खरीदा। एस्सार ग्रुप ने 1990 के दशक में स्टील और टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री की। उसने पहले हचिसन और फिर वोडाफोन के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाकर अपने टेलिकॉम बिजनेस को काफी आगे बढ़ाया। हालांकि, एस्सार 2011 में तेल और गैस, बिजली और बंदरगाहों जैसे बिजनेस पर फोकस करने के लिए टेलिकॉम सेक्टर से बाहर निकल गया।