नई दिल्ली। डॉ. मनमोहन सिंह जब इंग्लैंड में पढ़ाई कर रहे थे, तब वह स्कॉलरशिप के पैसों पर निर्भर थे। तंगी इतनी थी कि उनके पास खाने तक के पैसे नहीं बचते थे। कई बार उन्हें एक चॉकलेट खाकर पूरा दिन बिताना पड़ता था।
ये बातें मनमोहन सिंह की बेटी दमन सिंह ने अपनी किताब ‘Strictly Personal: Manmohan and Gursharan’ में लिखी है। ये किताब हार्परकोलिंस से 2014 में पब्लिश हुई थी। किताब ने दमन सिंह ने अपने माता-पिता की जिंदगी के बारे में लिखा है।
कैम्ब्रिज से इकोनॉमिक्स में ऑनर्स किया
मनमोहन सिंह ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से 1957 में इकोनॉमिक्स में ऑनर्स किया था। वह प्रथम श्रेणी में पास हुए थे। दमन सिंह ने लिखा है कि उनके पिता अक्सर अपने शुरुआती दिनों की बात करते थे कि कैसे गांव में जीवन काफी कठिन था।
मनमोहन सिंह का जन्म पंजाब प्रांत के गाह में हुआ था। ये जगह अब पाकिस्तान में पड़ती है। दमन सिंह लिखती हैं, ‘एक बार मेरी बहन किकी ने उनसे पूछा था कि क्या वह कभी गाह वापस जाना चाहेंगे? इस पर उन्होंने कहा था कि कभी नहीं क्योंकि वहां मेरे दादा को मार दिया गया था।’
रहने में आता था ज्यादा खर्च
मनमोहन सिंह कैम्ब्रिज गए थे, तब उन्हें पंजाब यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप के लिए महज 160 पाउंड मिलते थे। जबकि वहां रहने का सालाना खर्च 600 पाउंड आता था। वह लिखती हैं, ‘बाकी के पैसों के लिए वह अपने पिता पर निर्भर थे। मनमोहन सिंह काफी सावधानी बरतते थे।’