नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 21 दिसंबर को जैसलमेर में होने वाली बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा की खरीदारी पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी से राहत मिलना तय माना जा रहा है। हालांकि यह राहत पूरी तरह से होगी, इस पर संशय है, क्योंकि जीवन व स्वास्थ्य बीमा की हर प्रकार की खरीदारी को जीएसटी से पूरी तरह मुक्त कर देने पर केंद्र व राज्य दोनों को कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा।
केंद्र को मिलने वाले राजस्व में भी राज्य की हिस्सेदारी होती है। इसलिए स्वास्थ्य बीमा की एक सीमा तक की खरीदारी को ही जीएसटी से पूरी तरह मुक्त किया जा सकता है। यह सीमा पांच लाख तक की हो सकती है। वहीं, बुजुर्गों की तरफ से व्यक्तिगत रूप से स्वास्थ्य बीमा की किसी भी खरीदारी को जीएसटी से मुक्त किया जा सकता है।
बीमा में कितनी मिलेगी राहत?
व्यक्तिगत रूप से जीवन बीमा की खरीदारी को जीएसटी से मुक्त किया जा सकता है, लेकिन सामूहिक रूप से जीवन और स्वास्थ्य बीमा की खरीदारी पर जीएसटी की 18 प्रतिशत दरों को कम कर 12 या पांच प्रतिशत किया जा सकता है। बीमा के रिन्युअल पर पर दरों में राहत दी सकती है। इससे पूर्व की जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी समाप्त करने के मामले को मंत्रियों के समूह (जीओएम) के हवाले करके कोई फैसला नहीं लिया गया था।