पर्यावरणीय दृष्ट से संवेदनशील उत्तराखंड में औद्योगिक विकास किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। पर्वतीय क्षेत्र का विषम भूगोल और पर्यावरणीय परिस्थितियां औद्योगिक विकास की राह में दुश्वारियां खड़ी करते आए हैं। इस सबको देखते हुए राज्य में इलेक्ट्रॉनिक उद्योग पर विशेष जोर दिया जाता आ रहा है, जो यहां की पर्यावरणीय परिस्थितियों के एकदम अनुकूल है।
यही कारण है कि यह प्रदेश में ऑटोमोबाइल सेक्टर के बाद दूसरा सबसे अधिक फलने-फूलने वाला सेक्टर है। इस क्षेत्र में अभी भी अपार संभावनाएं है और इसे केंद्र से सतत सहयोग की दरकार है। इस क्षेत्र से जुड़े उद्यमी भी चाहते हैं कि विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य में इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार रियायतें देने के साथ ही बजटीय प्रविधान भी करे।
उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग की तस्वीर देखें तो यह अभी तक मुख्य रूप से रुड़की, रुद्रपुर, सितारगंज, देहरादून, हरिद्वार व कोटद्वार इसके बड़े केंद्र हैं। यहां इलेक्टि्रक बल्ब से लेकर कंप्यूटर व ड्रोन तक बनाए जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक का सालाना कारोबार तकरीबन 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। इसमें तकरीबन तीन लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार मिला हुआ है।