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बैंक खाते में कितने लोगों को बना सकते हैं नॉमिनी, वित्त मंत्री ने बताया क्या है नियम; साइबर फ्रॉड के लिए भी बनाया मास्टर प्लान

नई दिल्ली। अपने बैंक खाते में अब एक व्यक्ति की जगह चार लोगों को नॉमिनी बना सकते हैं। लोकसभा में मंगलवार को पारित बैंककारी विधियां (संशोधित) विधेयक, 2024 में इसका प्रावधान है। इसकी वजह से सिर्फ बैंक खाते में ही नहीं बल्कि बैंकों में रखे गये लाकरों या दूसरी बैंकिंग सेवाओं के लिए भी ग्राहकों को चार लोगों को नॉमिनी बनाने का अधिकार दिया गया है।

कई प्रावधानों में संशोधन

इस विधेयक को पेश करने की घोषणा वित्त मंत्री ने जुलाई 2024 में अपने बजट भाषण में किया था। इस विधेयक के जरिए सरकार ने एक साथ आरबीआई अधिनियम, 1934, बैंकिंग नियमन कानून, 1949, एसबीआई अधिनियम, 1955, बैंकिंग कंपनीज अधिनियम, 1970-1980 के कई प्रावधानों में संशोधन किया है।

कई लोगों ने दावा पेश किया
मौजूदा नियम के मुताबिक बैंक खातों के लिए सिर्फ एक ही व्यक्ति को नॉमिनी बनाया जा सकता है लेकिन कोविड दौरान बड़ी संख्या में हुई मौत के बाद बैंकों के समक्ष इस तरह के हजारों कानूनी विवाद आए हैं जिसमें एक बैंक खाते पर कई लोगों ने दावा पेश किया।

खाताधारक तय कर सकता है संख्या
उसके बाद यह जरूरत समझी गई कि खाताधारक को अपनी मर्जी से खाते में जमा धन को अपने प्रियजनों में बांटने का ज्यादा अधिकार देना चाहिए। बैंक खाताधारक यह तय कर सकता है कि उसके द्वारा नामित लोगों को कितना हिस्सा मिलेगा। इससे बैंक खाते में जमा धन के बंटवारे का काम ज्यादा आसानी से हो सकेगा।

अहम बदलाव का रास्ता साफ
संशोधन के जरिए सरकार ने देश के सहकारी बैंकों के प्रबंधन को लेकर भी कुछ अहम बदलाव का रास्ता साफ कर दिया है। सहकारी बैंकों में निदेशकों के काम करने की अवधि को 8 वर्षों से बढ़ा कर 10 वर्ष कर दिया गया है। केंद्रीय सहकारी बैंकों के निदेशकों को राज्य सहकारी बैंकों के निदेशक बोर्ड का सदस्य बनने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।

कैश रिजर्व की गणना का समय बदला
सरकार का कहना है कि इस फैसले से केंद्र व राज्य सहकारी बैंकों के बीच ज्यादा बेहतर सामंजस्य बनाया जा सकेगा। एक अन्य अहम बदलाव बैंकों के लिए यह किया गया है कि उनकी कैश रिजर्व की गणना का समय बदला गया है।

अब तक दूसरे हफ्ते के शनिवार को बैंकों को अपनी नकदी रिजर्व की गणना देनी होती थी। अब यह हर महीने पहली तारीख से 15 तारीख और 16 से माह के अंतिम दिन तक के आधार पर गणना होगी।

विधेयक पर जारी चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने स्वीकार किया कि साइबर फ्रॉड एक गंभीर चुनौती है। इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार के स्तर और कठोर कदम उठाने की तैयारी है। इसके लिए कई पहलुओं पर काम किया जा रहा है।

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