नई दिल्ली: देश की सत्ता संभालते ही “सबका साथ, सबका विकास” नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैसे इसे सुशासन का मंत्र बनाया, इस पर हाल ही में सामने आए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और गेट्स फाउंडेशन के अध्ययन ने भी मुहर लगा दी है।
विरोधी दलों द्वारा शासित राज्यों में बड़ी परियोजनाओं के लटकने-फंसने और राजनीतिक दबाव में नौकरशाही के असहयोग की अवधारणा को निर्मूल करते हुए पीएम मोदी ने डिजिटल-आनलाइन मॉनिटरिंग प्लेटफार्म- प्रोएक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन (प्रगति) के माध्यम से संघवाद का नया मॉडल प्रस्तुत किया है।
अध्ययन में कई राज्यों की प्रमुख परियोजनाओं के इसके माध्यम से पूरे होने को केस स्टडी के रूप में उल्लेखित करते हुए कहा है कि भारत की बुनियादी ढांचा क्रांति को विशेष रूप से उल्लेखनीय बनाने वाली बात यह है कि इसने पारंपरिक राजनीतिक विभाजनों को दूर कर लिया है।