नई दिल्ली। कच्चे तेल के वैश्विक बाजार का पूरा परिदृश्य बदल चुका है। ओपेक देशों की तरफ से तेल उत्पादन में कटौती करने का भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में इंटरनेशलन एनर्जी एजेंसी (आईईए) की गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट संकेत देती है कि अगले वर्ष 2025 में क्रूड की कीमतें यथावत ही रह सकती हैं।
इसकी एक बड़ी वजह यह है कि चीन में कच्चे तेल की मांग लगातार छह महीनों से घट रही है और आगे भी यही स्थिति बनी रहने की उम्मीद है। वैश्विक मांग में जो थोड़ी बहुत तेजी है, उसमें भारत की भूमिका अहम है। हालात यह है कि तेल उत्पादन करने वाले प्रमुख देशों का संगठन ओपेक अगर अपनी पूर्व घोषणा के मुताबिक तेल उत्पादन में रोजाना 10 लाख बैरल की कटौती करता भी है तो आपूर्ति मांग के मुकाबले 10 लाख बैरल ज्यादा बनी रहेगी।