गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने असम समझौते की कटऑफ डेट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मिश्रित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि असम के लोगों को संघर्ष करते हुए आगे बढ़ना होगा। वह नहीं जानते कि यह फैसला ऐतिहासिक है या नहीं, लेकिन सरकार ने यह समझौता इसलिए किया था, ताकि इसकी कटऑफ डेट 1971 रहे।
हालांकि, असम में कई लोग चाहते थे कि कटऑफ डेट 1951 रहे। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने विगत गुरुवार को नागरिकता कानून की धारा 6ए की वैधता को बरकरार रखते हुए एक जनवरी, 1966 से 25 मार्च, 1971 के बीच असम में आए आव्रजकों को भी भारतीय नागरिकता मंजूर कर दी थी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा कि था कि असम समझौता अवैध घुसपैठियों की समस्या का एक राजनीतिक समाधान था।