नई दिल्ली। आरबीआई की सोमवार से शुरू होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट को लेकर किसी तरह की कटौती की उम्मीद नहीं है। इसकी बड़ी वजह यह है कि खुदरा मुद्रास्फीति अभी भी चिंता का विषय है और पश्चिम एशिया में हालात और बिगड़ने की संभावना है।
इसका असर कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतों पर पड़ सकता है। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने आरबीआई की एमपीसी का पुनर्गठन किया था। सरकार ने रामसिंह, सौगत भट्टाचार्य और नागेश कुमार को एमपीसी के बाहरी सदस्यों के तौर पर नियुक्त किया है। इन्होंने आशिमा गोयल, शशांक भिड़े और जयंत आर वर्मा का स्थान लिया है।