नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि जल्द एवं समय पर न्याय न मिलना लंबे समय में कानून के शासन के लिए विनाशकारी हो सकता है। शीर्ष अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि अदालतों को बिना किसी वैध कारण के कार्यवाही में देरी करने के किसी भी प्रयास को शुरुआत में ही रोक देना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि न्याय प्रशासन नागरिकों के विश्वास पर आधारित है और ऐसा कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए, जिससे उस विश्वास को जरा भी ठेस पहुंचे। जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि पीड़ित, आरोपित और समाज की यह वैध अपेक्षा है कि उचित समय के भीतर न्याय मिले।