नई दिल्ली। कश्मीर मुद्दे को हर वर्ष संयुक्त राष्ट्र की सालाना महासभा (यूएनजीए) में उठाने की जुगत में जुटे पाकिस्तान को इस बार मुंह की खानी पड़ी है। पाकिस्तान को सबसे बड़ा झटका उसके मित्र देश तुर्किए के राष्ट्रपति रेसीप एर्दोगन ने दिया है जिन्होंने यूएनजीए में अपने भाषण में कश्मीर का कोई उल्लेख नहीं किया है। जबकि पिछले पांच वर्षों से तुर्किए के राष्ट्रपति लगातार कश्मीर का मुद्दा उठाते रहे हैं।
तुर्किए के राष्ट्रपति ने वर्ष 2019 से वर्ष 2923 तक यूएनजीए के हर भाषण में कश्मीर का जिक्र किया और कई बार उन्होंने भारत पर तीखे हमले भी किये हैं।