नई दिल्ली। भारत को मैन्युफैक्चरिंग की बड़ी शक्ति बनाने के लिए शुरू की गई योजना मेक इन इंडिया ने जिस क्षेत्र में सबसे अधिक छाप छोड़ी है, वह है रक्षा। यहां इस योजना की सफलता की गाथा का प्रमाण यह है कि 2023-24 में रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ तक पहुंच गया, जो दस साल पहले मुश्किल से 500-600 करोड़ रुपये था।
पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले रक्षा निर्यात 32.5 प्रतिशत अधिक है और दस साल पहले मेक इन इंडिया अभियान की शुरुआत के पूर्व के स्तर से 21 गुना। अगर पूरे रक्षा उत्पादन की बात करें तो 2014-15 में 46,429 करोड़ से बढ़कर दस साल में यह 1,27,264 करोड़ तक पहुंच चुका है और इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक इसे 1.75 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।