महाराष्ट्र में इस साल के आखिर में असेंबली चुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर राज्य की राजनीति लगातार गरमाई हुई है. सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ ही शिवसेना के दोनों गुटों, एनसीपी के दोनों गुटों और कांग्रेस के नेता अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं. बीजेपी के मुंबई क्षेत्र के विधायकों ने विधान सभा चुनावों की रणनीति पर विचार करने के लिए रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक की.
यशवंत भवन में 6 घंटे तक चली बैठक
मध्य मुंबई के लोअर पारेल में यशवंत भवन में हुई बैठक छह घंटे से अधिक समय तक चली. बैठक से उनके बाहर आने के बाद, भाजपा विधायकों और पार्टी की मुंबई इकाई के पदाधिकारियों ने अपनी चर्चा के बारे में चुप्पी साधे रखी. आरएसएस के एक पदाधिकारी ने इस बैठक को एक नियमित बैठक बताया.
विपक्षी दलों के प्रदर्शन की आलोचना
भाजपा की मुंबई इकाई के प्रमुख और बांद्रा से विधायक आशीष शेलार ने 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर प्रदर्शन करने को लेकर विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) की आलोचना की. दक्षिण मुंबई में रविवार को हुए एमवीए के प्रदर्शन का हवाला देते हुए उन्होंने इसे आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया.
क्या बीजेपी के फेवर में हैं परिस्थितियां?
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव अक्टूबर या नवंबर में होने की संभावना है. पिछले विधानसभा चुनाव में मुंबई की 36 सीट में से 16 सीट भाजपा ने जीती थी. इस बार के चुनावों में शिवसेना और एनसीपी दोफाड़ हो चुकी है. जिससे उनकी ताकत घटी है. वहीं कांग्रेस और बीजेपी अपने- अपने स्तर पर एकजुट हैं, जिससे उनका प्रदर्शन दमदार रहने की संभावना जताई जा रही है.