कामठी (सौमित्र नंदी) :-
आज पूरे विश्व में “विश्व बंधुत्व दिवस” के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमनी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई .दादी प्रकाशमनी, जिन्हें अपने संपूर्ण जीवन में विश्व बंधुत्व और आध्यात्मिकता के प्रचार-प्रसार के लिए जाना जाता है, उन्होंने अपने कर्म और विचारों से लाखों लोगों के जीवन को प्रेरित किया.
ज्ञात हो कि दादी का स्मृति दिन हर साल 25 अगस्त को मनाया जाता है, और इस दिन को विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मान्यता दी जाती है, ताकि उनके द्वारा स्थापित मूल्यों और आदर्शों को हमेशा जीवित रखा जा सके
आज के इस विशेष दिन पर, ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के विभिन्न केंद्रों में दादी प्रकाशमनी के महान कार्यों को स्मरण किया गया. उनके संदेशों को विश्वभर में प्रसारित किया जा रहा है, जिसमें मानवता, प्रेम और शांति के महत्व पर जोर दिया गया है.
दादी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, संस्थान के सदस्यों ने एकजुट होकर विश्व बंधुत्व के सिद्धांतों को अपनाने का संकल्प लिया और समाज में भाईचारे और सद्भावना को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई.
दादी प्रकाशमनी के अनमोल योगदान को याद करते हुए, हम सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलने और विश्व को एक परिवार के रूप में देखने की प्रेरणा मिलती है. उक्त विचार सेवाकेंद्र संचालिका बी. के. प्रेमलता दिदी ने व्यक्त किए.
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथी के रूप में आये सुर्यांबा स्पिनिंग मिल के उपाध्यक्ष सौरभ कुमार सक्सेना, इन्होने दादिजी को श्रध्दांजली अर्पण करते हूये दादीजी के सेवाभाव को विनम्र अभिवादन किया. कामठी पंचायत समिति सभापति दिशा चनकापुरे दादी के जीवन और कार्यों से हम प्रेरणा लेकर आत्म कल्याण कर सकते हैं और विश्व में भाईचारा स्थापित हो सकता हैं. उसके बाद दादी को भावपूर्ण श्रद्धांजली अर्पण की. बाकी अतिथियों ने दादी को अपने भावांजली अर्पित की. आज दादी के स्मृति दिन पर विशेष सत्कार शाल श्रीफळ और ईश्वरीय सौगात भेट देकर सन्मानीत किया गया.
इस समय कार्यक्रम में विशेष रूप से पीएसआय गोपीनाथ राखोंडे, पीएसआय मिना राखोंडे, पंचायत समिति पूर्व उपसभापति विमल साबळे, पुलिस पाटील वंदना चकोले, शेषराव अडाऊ, नागोराव साबळे, घनश्याम चकोले, सुनिल भालकर, सतिश महेंद्र, हरिहर गायधने, अशोक पराते, दिपक अग्रवाल, महेश अग्रवाल आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन बी.के. वंदना बहन तथा शिला बहन ने किया. <This message was edited>
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