पारशिवनी (अज्जू पठान) :-
महंत रामगिरी महाराज के विवादित बयान का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. मुस्लिम समाज थाने पहुंचे और मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने पारशिवनी पुलिस थाने के थानेदार राजेश थोरात को ज्ञापन सौपा और कड़ी नाराजगी जताते हुए महंत रामगिरी के विरुद्ध मामला दर्ज किए जाने की मांग की है.
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि महाराष्ट्र हमेशा से सुफियो और संतो की भूमि रही है, जिन्होने इस पावन भूमि पर प्रेम, भाईचारा, एकता और अखंडता को बनाए रखने मे अपना पुरा जिवन का त्याग कर दिया है. पिछले कुछ समय से कुछ अराजकतत्व इस भाईचारे को तोडने का प्रयास करते रहते है. इसका ताजा उदाहरण गंगा रामगिरी महाराज व्दारा नाशीक मे जो अभद्र टिपण्णी, आपत्तिजनक बयान, दुष्प्रचार और समस्त मुस्लिम समुदाय के आदर्श पैगंबर हजरत मोहम्मद रा.अ. की शान में की गई गुस्ताखी किसी भी सुरत मे बर्दास्त नहीं की जा सकती है. पैगंबर हजरत मोहम्मद स.अ. पर जिस भाषा का उपयोग रामगिरी महाराज ने किया है, वो मुसलमानो की धार्मिक आस्था और भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है जो कि अतिशय दुखद तथा निंदनीय है.
उन्होंने ज्ञापन में गंगा रामगिरी महाराज पर तुरंत मामला दर्ज कर गिरफतार करके कड़ी कारवाई मांग करते हुए कहा कि ताकि इस देश में एकता और अखंडता को तोडने वाले और सामाजिक सौहाद को बिगाडने वाले आराजक तत्वो पर अंकुश लगाने का काम किया जाए. जिससे इस भारत देश की एकता और अखंडता बरकरार रहे.
प्रतिनिधिमंडल में जामा मस्जिद कमेटी अध्यक्ष याकूब शेख, मौलाना रफीक साहब, नागपुर ज़िला ग्रामीण महासचिव डॉ. इरफान अहमद, सामाजिक कार्यकर्ता बबलू शेख, इमरान बाघाड़े, अफरोज भाई, रफीक शेख, नसरु भाई, वाहिद शेख निसार शेख, ज़ालिम शेख , लालू शेख, जोयेब बाबा, हाज़ी रशीद, हाज़ी रऊफ, अल्ताफ कुरैशी, सज्जाद कुरैशी, मुस्ताक पठान, इरशाद शेख, जफ़र शेख, कलाम बाघड़े, इरफ़ान शेख, इरफ़ान बराडे, साहिल बाघाड़े, आसिफ खान सहित यंग मुस्लिम जमात के लोग शामिल थे.