कामठी (सौमित्र नंदी) :-
शहर और ग्रामीण के पारंपरिक मिट्टी के मूर्तिकारों और कारीगरों का जीवन उनके पेशे पर निर्भर करता है और वे त्योहारों और श्री कृष्ण जन्माष्टमी, श्री गणेश चतुर्थी, श्री महालक्ष्मी के दौरान बहुत पसीना बहाकर मूर्तियाँ और अन्य सजावटी वस्तुएँ बनाते हैं. श्री गणेशोत्सव और श्री लक्ष्मी पूजन जैसे सभी त्योहारों में देवी-देवताओं की पूजा के लिए आवश्यक मूर्तियों और अन्य सामग्रियों की बिक्री के लिए नगर परिषद को व्यवस्था करनी चाहिए ? परिसर में ब्लॉकों का कोई भंडार नहीं होने के कारण, उन्हें अपने उत्पादों को बेचने के लिए बनाई गई मूर्तियों को बेचने के लिए बाजार में किसी के खाली ब्लॉकों की तलाश करनी पड़ती है.
शिवसेना (उबाठा) के एक शिष्टमंडल ने उपरोक्त आरोप एक ज्ञापन में लगाते हुए कहा कि साल भर की आजीविका के लिए कड़ी मेहनत करने वाले इन लोगों की स्थिति का फायदा उठाकर, भले ही वे सड़क पर दुकान लगाते हों, भले ही वे अपनी दुकान के सामने दुकान लगाते हों, वे बिना मदद किए उनसे बहुत सारा पैसा वसूल करते हैं.
ज्ञात हो कि कामठी नगर परिषद द्वारा कभी भी ऐसे लोगों पर विचार नहीं किए जानें पर गुरुवार को नागपुर जिला संगठक प्रमुख राधेश्याम हटवार के नेतृत्व में कामठी नगर परिषद को ज्ञापन दिया गया. मुख्याधिकारी संदीप बोरकर कार्यालयीन कामों से मुंबई में होने पर मुख्याधिकारी के नाम प्रेषित ज्ञापन नगर परिषद के स्वास्थ्य विभाग निरीक्षक विजय मेथिया सौंपा गया. इस मौके पर शिवसेना (उबाठा) कामगार सेना के विधानसभा क्षेत्र प्रमुख प्रशांत खोब्रागडे,शहर प्रमुख सुंदरसिंग रावत, भाविसे शहर प्रमुख राजेश चहांदे, कामठी शहर पूर्व महिला आघाडी प्रमुख ममता नायक, विराग जोशी, मुन्ना प्रजापती, उमेश भोकरे, संजय वैद्य, अरशद खान, ममता प्रजापती, रुपेश प्रजापती, गजानन प्रजापती, अशांक प्रजापती, दिनेश प्रजापती, निलेश प्रजापती, प्रशांत प्रजापती सहित अन्य पदाधिकारी प्रमुखता से मौजुद थे.