कामठी (सौमित्र नंदी):-
अनुसूचित जाति एवं जनजाति आरक्षण के वर्गीकरण एवं क्रिमिलेयर शर्त लागू करने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये निर्णय को अन्यायपूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की जा रही है.
उपरोक्त आरोप लगाते हुए बहुजन रिपब्लिकन एकता मंच (बरिएमं) की अध्यक्षा व पूर्व राज्यमंत्री एड.सुलेखा कुंभारे ने बरिएमं प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन तहसीदार गणेश जगदाले को सौंपकर मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को महाराष्ट्र राज्य में लागू नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि अनुसूचित जाति और जनजातियों के बीच यह डर है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आरक्षण की वर्तमान स्थिति समाप्त हो जाएगी.
ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जनजाति आरक्षण के वर्गीकरण को लेकर आज बुधवार को बहुजन रिपब्लिकन एकता मंच के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने कामठी के तहसीलदार जगदाले को ज्ञापन सौंपते समय बहुजन रिपब्लिकन एकता मंच के विदर्भ महासचिव व कामठी नगर परिषद पूर्व उपाध्यक्ष अजय कदम, छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष दिपक सिरीया, कामठी शहर अध्यक्ष दिपंकर गणविर, शहर उपाध्यक्ष सुभाष सोमकुवर, ज़िला उपाध्यक्ष उदास बंसोड, छावनी परिषद पूर्व उपाध्यक्ष चंदु लांजेवार, अनुभव पाटील, अंकुश बांबोर्डे, नियाज कुरेशी, मनीष डोंगरे, राजु भागवत, सागर भावे, विलास बंसोड, सोयब खान, राजु शर्मा, काशीम भाई, अनिश कुरेशी, मो. जहीर नक्कास, सुमितसिंह ठाकुर, अमोल विघे, निखिलेश डोंगरे, राकेश बागडकर, श्रीनिवास टोके, अतुल सायरे, विकास टेंभुर्णे, अमित मेश्राम, उदय गुप्ता, पूर्व नगरसेविका सावला सिंगाडे, रजनी गजभिये, अल्का तांबे, रेखा पाटील, उषा भावे, इंदिरा खांडेकर, देवांगना गजभिये, छाया बंसोड, दुर्गा बंसोड, सरीता मेश्राम, पुष्पलता मेश्राम, माया मेंढे, छाया उके, सुनिता रामटेके, मिना रामटेके आदि पदाधिकारी व कार्यकर्ता प्रमुखता से उपस्थित थे.