नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 37वें इंटेलिजेंस ब्यूरो शताब्दी बंदोबस्ती व्याख्यान में कहा है कि झूठी खबरों से अलगाववाद को भड़काना, सांप्रदायिक दंगे, इंटरनेट मीडिया के जरिए नारको ट्रेड, साइबर स्पाई और क्रिप्टोकरेंसी के मामले, एक अलग प्रकार का चुनौती बनकर आज हमारे सामने खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों के लिए भी हमें अपनी एजेंसियों को परंपरागत तरीकों से बाहर निकाल कर नए तरीके से तैयार करना पड़ेगा। इसके लिए हमें अलग से जाकर इनसे लड़ने के रास्ते ढूंढने पड़ेंगे, क्योंकि जब चुनौतियां बदलती हैं तो हमें उपाय भी बदलने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए पूरे पुलिस बल को तैयार करने की जिम्मेदारी अब देश के सूचना योद्धाओं पर है।
‘मजबूत तंत्र की आवश्यकता’
गृह मंत्री ने कहा कि खतरों की तुरंत पहचान करके और उन्हें खत्म करने, खुफिया तंत्र समाज के भीतर विश्वास और स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि अगर नक्सलवाद, आतंकवाद, संगठित अपराध, विभाजनकारी ताकतों, सांप्रदायिकता, नशीले पदार्थों और असामाजिक तत्वों जैसी चुनौतियों को पूरी तरह से नियंत्रित करना है, तो समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे महत्वपूर्ण है।