नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने देश की संपूर्ण तरक्की के लिए सहकारी बैंकों से आगे आने का आग्रह किया। कहा कि अभी देश के तीन सौ जिलों में सहकारी बैंक हैं। चुनाव में जाने से पहले इसमें 50 प्रतिशत की वृद्धि करनी है। अमित शाह मंगलवार को भारत मंडपम में राष्ट्रीय राज्य सहकारी बैंक महासंघ लिमिटेड के हीरक जयंती समारोह व ग्रामीण सहकारी बैंकों की राष्ट्रीय बैठक को संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के सभी जिलों में सहकारी बैंकों की स्थापना तभी हो पाएगी जब दो लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स) बना ली जाएंगी। मतलब प्रत्येक पंचायत में एक पैक्स बन जाएंगी। चाहे दूध उत्पादन प्राइमरी समिति हो या मछुआरों से संबंधित समिति। गांवों की प्रकृति जैसी होगी वैसी ही समितियों का गठन कर लिया जाएगा।
सहकारी बैंकों को मजबूत करना है तो पैक्सों को मजबूत करना होगा
उन्होंने कहा कि पैक्सों को कंप्यूटराइज करने पर 25 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे निबंधन से लेकर ऑडिट तक सारे काम ऑनलाइन होने लगेंगे। पैक्स ही राज्य सहकारी बैंक और जिला सहकारी बैंकों की आत्मा है। अगर सहकारी बैंकों को मजबूत करना है तो पैक्सों को मजबूत करना होगा। इसके लिए पैक्सों को नई तकनीक के लिए तैयार किया जा रहा है।
सहकारी बैंकों ने कृषि एवं गांवों को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई