बर्लिन। जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने शुक्रवार को फोन कर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन के साथ बातचीत शुरू करने का आग्रह किया। लगभग दो वर्षों में यह उनकी पहली बातचीत थी। फोन पर एक घंटे चली बातचीत में स्कोल्ज ने यूक्रेन से रूसी सैनिकों की वापसी की भी मांग की और यूक्रेन के लिए जर्मनी के निरंतर समर्थन की पुष्टि की।
पुतिन ने बर्लिन के सामने ऊर्जा सौदे का प्रस्ताव भी रखा
स्कोल्ज ने यूक्रेन के खिलाफ उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती को गंभीर मुद्दा बताया और कहा कि इससे संघर्ष का विस्तार होगा। वहीं, पुतिन ने जर्मन चांसलर से कहा कि यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए संभावित समझौतों में रूसी सुरक्षा हितों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। यह नई क्षेत्रीय वास्तविकताओं पर आधारित होना चाहिए और संघर्ष के मूल कारणों का समाधान करता हो। पुतिन ने बर्लिन के सामने ऊर्जा सौदे का प्रस्ताव भी रखा।
जर्मनी यूक्रेन का सबसे बड़ा वित्तीय समर्थक
जर्मन चांसलर स्कोल्ज का यह आह्वान तब सामने आया है, जब यूक्रेन हथियारों की कमी का सामना कर रहा है और रूसी सेनाएं लगातार आगे बढ़ रही हैं। चांसलर ने रूस से न्यायसंगत और स्थायी शांति प्राप्त करने के उद्देश्य से बातचीत में शामिल होने की इच्छा दिखाने का आग्रह किया। जर्मनी यूक्रेन का सबसे बड़ा वित्तीय समर्थक और अमेरिका के बाद सबसे बड़ा हथियार प्रदाता है।