नई दिल्ली। शरद पवार गुट और अजित पवार गुट के बीच ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह को लेकर चल रहे विवाद की सुनवाई एक बार फिर आज सुप्रीम कोर्ट में हुई।
विधानसभा चुनाव में अजित पवार गुट को शरद पवार की फोटोज और वीडियोज को इस्तेमाल न करने का आदेश दिया है। हालांकि, शरद गुट की ओर से दावा किया जा रहा है कि अजित पवार गुट की ओर से कोर्ट के आदेश का अभेलना की जा रही है।
अजित पवार गुट को अलग पहचान बनाने की जरूरत: कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में आज जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुईयां की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि अजित पवार गुट को अपने पैरों पर खड़ा होना सीखना चाहिए।
कोर्ट ने आगे आदेश दिया कि अजित पवार गुट को अलग पहचान बनाने की जरूरत है और इसी आधार पर पार्टी को चुनाव लड़ना चाहिए। पार्टी अपने नेताओं को आदेश दें कि चुनाव प्रचार के दौरान शरद पवार की तस्वीरें और वीडियोज का इस्तेमाल न करें।
शरद पवार गुट की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से ये भी मांग की है कि ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह को शरद पवार गुट को दे दिया जाना चाहिए। अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी है कि पिछले 30 साल से ‘घड़ी’ चिन्ह शरद पवार के साथ जुड़ा हुआ है। अजित पवार द्वारा चुनाव में इस चिन्ह के इस्तेमाल से लोगों के बीच भ्रम पैदा हो रहा है।
जब कोर्ट रूम में ट्रंप का हुआ जिक्र
गौरतल है कि इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में डोनाल्ड ट्रंप का भी जिक्र हुआ। दरअसल, शरद पवार गुट ने अजित पवार गुट पर आरोप लगाया है कि पार्टी ने अखबारों में घड़ी चुनाव चिन्ह पर कोर्ट के आदेशानुसार डिस्क्लेमर देने में लापरवाही की है। इसके बाद कोर्ट ने अखबार पेश करने के लिए कहा।