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बांग्लादेश में तख्तापलट के 30 दिन पूरे, एक महीने में क्या-क्या बदला? बॉर्डर पर हुई BSF-BGB की मीटिंग

बांग्लादेश में तख्तापलट के ठीक 1 महीने बाद यानी आज 5 सितंबर को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के बीच भारत बांग्लादेश सीमा पर अहम बैठक हुई. बैठक का अहम एजेंडा पड़ोसी मुल्क में सत्ता परिवर्तन के बाद भारतीय सीमाओं पर पुख्ता चौकसी का था.

सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के बीच सेक्टर कमांडर स्तर की समन्वय बैठक बांग्लादेश में बरसोरा लैंड कस्टम्स स्टेशन के पास आयोजित की गई. बैठक का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना, बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना और सीमा से संबंधित विभिन्न मुद्दों का समाधान करना था.

बैठक में किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

बीएसएफ प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मनोज कुमार बरनवाल, डीआईजी, सेक्टर मुख्यालय बीएसएफ शिलांग ने किया, जबकि मोहम्मद सैफुल इस्लाम चौधरी, उप महानिदेशक, सेक्टर कमांडर बीजीबी, सिलहट, बांग्लादेश ने बीजीबी प्रतिनिधियों का नेतृत्व किया.

बैठक के दौरान, दोनों सीमा सुरक्षा बलों के कमांडरों ने समन्वित सीमा प्रबंधन योजना और आपसी हित के अन्य मामलों जैसे सीमा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. सम्मेलन के अंत में, दोनों पक्षों ने सार्थक और सौहार्दपूर्ण चर्चाओं पर संतोष व्यक्त किया, जो दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाता है.
सुरक्षित और शांतिपूर्ण सीमा वातावरण को देंगे वातावरण

दोनों कमांडरों ने एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण सीमा वातावरण को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और क्षेत्र में शांति बनाए रखने में अपने-अपने बलों के चल रहे प्रयासों की प्रशंसा की. बैठक सकारात्मक नोट पर पूरी हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने निरंतर सहयोग और सीमा प्रबंधन कार्यों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए भविष्य में नियमित समन्वय बैठकें आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की.

बांग्लादेश में तख्तापलट को एक महीना पूरा

बांग्लादेश में तख्तापलट को एक महीना पूरा हो चुका है. इस 1 महीने में पड़ोसी देश में बहुत कुछ बदल चुका है. एक महीने से बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना भारत में हैं. बांग्लादेश में उनके खिलाफ करीब-करीब 33 मामले दर्ज हो चुके हैं. इसमें हत्या के 27, मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के चार और अपहरण का एक मामला शामिल है.

अवामी लीग के कार्यकर्ताओं पर हुए हमले

व्यापक हिंसा और आरक्षण विरोधी आंदोलन के बाद बांग्लादेश में अब नेतृत्व एक अंतरिम सरकार के हाथ में है जिसकी कमान 84 साल के नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के हाथ में है. अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमलों की खबरें लगातार आ रही हैं. शेख हसीना की पार्टी का आरोप है कि ये हमले जमात-ए-इस्लामी की ओर से किए जा रहे हैं.

हिंदू अल्पसंख्यकों को बनाया गया निशाना

एक महीने में बांग्लादेश में बड़ी संख्या में हिंदुओं को निशाना बनाया गया और उनके धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया. भारत सरकार ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कहा है कि उनके देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों का मुद्दा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है और उन्होंने भारत द्वारा इसे पेश करने के तरीके पर सवाल उठाया है.

हिंसा में मारे गए 230 से अधिक लोग

बांग्लादेश में हसीना सरकार के गिरने के बाद देश भर में भड़की हिंसा की घटनाओं में 230 से अधिक लोग मारे गए. सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों द्वारा जुलाई के मध्य में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई है.

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