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‘कंगना रनौत को अदालत ले जाओ…’, ऐसा क्यों बोले मनोज मुंतशिर

बॉलीवुड फिल्म जगत की मशहूर अभिनेत्री एवं सांसद कंगना रनौत की बहुप्रतीक्षित फिल्म इमरजेंसी की रिलीज़ टल गई है। इस फिल्म को लेकर विवाद बहुत बढ़ गया है तथा सेंसर बोर्ड ने अभी तक इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं दी है। हालांकि, कंगना ने एक वीडियो साझा करके अपना मत व्यक्त किया है। वीडियो में लिरिसिस्ट मनोज मुंतशिर फिल्म की रिलीज़ टलने एवं इसके कारणों पर चर्चा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। 3 मिनट 32 सेकंड के इस वीडियो में मनोज ने कई सवाल उठाए हैं। जिन हिस्सों पर आपत्ति दर्ज की गई है, उनके जवाब उन्होंने सवालिया अंदाज़ में दिए हैं तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी बात की है। मनोज ने आपत्ति दर्ज करने वालों से अनुरोध किया है कि यदि उन्हें कोई समस्या है, तो वे कंगना को अदालत में घसीटें; फैसला कानून करेगा। वहीं, कंगना ने इस वीडियो को साझा करते हुए कैप्शन में इसे इमरजेंसी बनाम फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की लड़ाई बताया है।

वीडियो में मनोज ने कहा, “इमरजेंसी 6 सितंबर को रिलीज़ नहीं होगी, क्योंकि फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट नहीं मिला। यह अच्छी बात है, किन्तु सर्टिफिकेट का यह खेल आधा-अधूरा क्यों खेला जा रहा है? यह पूरा खेल खेला जाना चाहिए। साथ ही, हमें एक और सर्टिफिकेट छीन लेना चाहिए कि हम अभिव्यक्ति की आज़ादी का सम्मान करने वाले लोग हैं। यह महानता का ढोंग छोड़िए; एक फिल्म हमसे बर्दाश्त नहीं हो रही और हम फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की बात करते हैं।”

“प्रॉब्लम क्या है इमरजेंसी से? प्रॉब्लम यह है कि इंदिरा गांधी की निर्मम हत्या दिखाई गई है। क्या इंदिरा जी की मृत्यु सड़क हादसे में हुई थी, हत्या नहीं की गई थी? प्रॉब्लम यह है कि इंदिरा गांधी के हत्यारों को सिख दिखाया गया है। तो सतवंत सिंह और बेअंत सिंह सिख नहीं थे? प्रॉब्लम यह है कि जरनैल सिंह भिंडरावाले को आतंकवादी बताया गया है। तो क्या हजारों निर्दोषों की हत्या करने वाला वह दरिंदा आतंकवादी नहीं था? कहते हैं कि सिख समुदाय को फिल्म के इन हिस्सों पर आपत्ति है। मैं मानने को तैयार नहीं कि इक ओंकार सतनाम बोलकर सच्चाई के लिए बेखौफ खड़े होने वाले सिख किसी फिल्म में दिखाई गई सच्चाई से डर गए। सिख भारतवर्ष के इतिहास का सुनहरा पन्ना हैं। जब सिर पर केसरी पगड़ी बांधकर निकलते हैं, तो पूरा देश उन्हें इज्जत से देखता है। उस पगड़ी की हर सिलवट से हमारे महान गुरुओं का शौर्य झलकता है। सिखों की शिनाख्त जरनैल सिंह भिंडरावाले से की जाएगी?”

वीडियो में मनोज ने सिखों की प्रशंसा करते हुए कई बातें की हैं। उन्होंने बताया कि सिख ने कभी विक्टिम कार्ड नहीं खेला है। एक ऐसा समुदाय महज एक फिल्म से डर जाएगा, यह मुमकिन नहीं है। मनोज ने ऐलान किया कि “आगे बढ़िए और कंगना रनौत से आपको जो भी शिकायतें हैं, उन्हें अदालत में ले जाइए, उनका फैसला कानून करेगा। मगर यह फिल्म अकेले कंगना की नहीं है। 500 लोगों के क्रू ने अपना पसीना बहाकर फिल्म बनाई है। उनके साथ आपके रहते नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए।” मनोज ने कहा कि सेंसर बोर्ड पर आपके नाम से जो दबाव बनाया जा रहा है, उसकी निंदा कीजिए। कहिए कि यह दबाव राजनीतिक है, नैतिक नहीं। कुछ डरे-सहमे हुए लोग पूरी कौम का प्रतिनिधित्व नहीं करते। कहिए कि आपकी सच्चाई ना किसी फिल्म की मोहताज है, न किसी फिल्म से डरती है। रिलीज़ के पश्चात् यदि आपको लगे कि फिल्म में कुछ गलत दिखाया गया है, तो उसका विरोध कीजिए। मैं भी आपके साथ खड़ा रहूंगा। हमने आपकी मानवता और न्याय की वेदना पर हमेशा भरोसा किया है। हम जानते हैं कि सिखों की बुलंद दहाड़ों से कभी औरंगजेब के कानों के पर्दे फट जाते थे। वे सिख कभी किसी दूसरे की आवाज को दबाने के हक में नहीं खड़े हो सकते।

बता दें, कंगना रनौत इमरजेंसी में इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं और फिल्म का निर्देशन भी उन्होंने स्वयं किया है। फिल्म में श्रेयस तलपड़े, अनुपम खेर, महिमा चौधरी जैसे कई कलाकार सम्मिलित हैं।

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