रूस ने यूक्रेन और NATO से बढ़ते खतरे के बीच पहली बार अत्याधुनिक S 500 प्रोमेथियस की पहली रेजिमेंट तैयार करने जा रहा है. रूसी संघ के जनरल स्टाफ के प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव ने 18 दिसंबर 2024 को इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि नया S-500 सिस्टम स्ट्रैटजिक मिसाइल डिफेंस की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है.
S-500 एंटीएयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम
जनरल वालेरी गेरासिमोव ने कहा,’ स्ट्रैटजिक मिसाइल डिफेंस की कमी का समाधान करने में सक्षम S-500 एंटीएयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम से लैस पहली रेजिमेंट का गठन पूरा हो रहा है.’ S-500 प्रोमेथियस के नाम से भी जाना जाता है. इसको अर्ली वॉर्निंग देन वाले विमानों (AWACS),मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों (IRBM) और भूमि की निचली कक्षा में काम करने वाली सैटेलाइटों समेत कई तरह के खतरों को खत्म करने के लिए डिजाइन किया गया है. बता दें कि वर्तमान में विश्व में ऐसी क्षमता किसी भी अन्य देश के पास नहीं है.
एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम
S-500 मिसाइल सिस्टम को 2 कॉन्फिगरेशन में बांटा जा रहा है. इसमें एंटी मिसाइल डिफेंस कॉम्प्लैक्स और लंबी दूरी तय करने के लिए एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम शामिल हैं. जनरल वालेरी गेरासिमोव ने रूसी सेना को सौंपे गए S-500 मिसाइल सिस्टम की संख्या को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं दी है.
मिसाइल लॉन्चिंग
S-500 मिसाइल सिस्टम को सबसे बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम के रूप में माना जाता है. यह काफी लंबी दूरी के लक्ष्य को भी मार गिराने में सक्षम है. S-500 मिसाइल सिस्टम एक प्रमुख विशेषता यह है कि यह कई खतरों और मिशन की जरूरतों को देखते हुए तरह-तरह की मिसाइलों को लॉन्च करने में समर्थ है. यह कई हवाई खतरों का मुकाबला कर सकती है.