नई दिल्ली। विदेश में रह रहे भारतीयों (ओवरसीज इंडियंस) ने मतदाता सूची में पंजीकरण कराने में तो उत्साह प्रदर्शित किया था और लगभग 1.2 लाख पंजीकृत भी हैं, लेकिन इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में सिर्फ 2,958 ने भारत आकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
जानिए क्या कहते हैं आंकड़े
चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 2024 में 1,19,374 लोग ओवरसीज इलेक्टर्स के रूप में पंजीकृत हैं और इनमें सबसे ज्यादा 89,839 केरल राज्य से हैं। जबकि 2019 में पंजीकृत ओवरसीज इलेक्टर्स की संख्या 99,844 थी। अर्थात पांच वर्षों में 19,530 लोग ओवरसीज इलेक्टर्स के रूप में पंजीकृत हुए।
कितने लोगों ने डाले वोट?
आयोग ने बताया कि इस वर्ष लोकसभा चुनाव में मताधिकार का प्रयोग करने वाले 2,958 ओवरसीज इलेक्टर्स में से भी 2,670 सिर्फ केरल से थे। कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे कई बड़े राज्यों के एक भी ओवरसीज इलेक्टर ने मतदान नहीं किया।
राज्यों के ओवरसीज वोटर्स की संख्या
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात के पंजीकृत 885 ओवरसीज इलेक्टर्स में से सिर्फ दो मतदान में हिस्सा लिया। इसी तरह महाराष्ट्र के 5,097 ओवरसीज इलेक्टर्स में से 17 और आंध्र प्रदेश के 7,927 में से 195 ने मतदान किया। जबकि असम के पंजीकृत 19, बिहार के 89 और गोवा के 84 में से किसी ने मतदान नहीं किया। चुनाव आयोग के अनुसार, मतदाता सूची में पंजीकृत भारतीय नागरिकों को इलेक्टर्स कहा जाता है और जो अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं उन्हें वोटर्स कहा जाता है।
गौरतलब है कि वर्ष 2020 में चुनाव आयोग ने अभी सर्विस वोटर्स के लिए उपलब्ध इलेक्ट्रानिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट सिस्टम (ईटीपीबीएस) की सुविधा ओवरसीज इलेक्टर्स को भी मुहैया कराने का प्रस्ताव केंद्रीय कानून मंत्रालय को दिया था, लेकिन सरकार ने इस मुद्दे पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। इसके लिए चुनाव नियमों में बदलाव करना होगा।