नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को लाटरी किंग के नाम से प्रसिद्ध सैंटियागो मार्टिन, उसके रिश्तेदारों और कर्मचारियों के खिलाफ छापेमारी के दौरान जब्त किए गए इलेक्ट्रानिक उपकरणों मसलन लैपटॉप और मोबाइल फोन के डाटा तक पहुंचने और उसकी कापी बनाने से रोक दिया है।
जांच एजेंसियों को सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
शीर्ष अदालत ने 13 दिसंबर को यह आदेश फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और मार्टिन की याचिका पर पारित किया था। इससे जांच एजेंसियों को आरोपितों का मोबाइल फोन या लैपटॉप जब्त करने का निर्णय लेने से पहले पुनर्विचार करना पड़ सकता है। यह आदेश इस तरह के मामलों में आरोपित व्यक्तियों के लिए भी मददगार हो सकता है।
जस्टिस अभय एस ओका और पंकज मित्तल की पीठ ने कहा कि नोटिस जारी किया जाता है। इस बीच अर्जी को ध्यान में रखते हुए अंतरिम राहत प्रदान की जाती है। फ्यूचर गेमिंग के वकीलों ने दलील दी कि जब्त इलेक्ट्रानिक उपकरणों का डाटा हासिल करना गोपनीयता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
मार्टिन ने राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा 1,368 करोड़ रुपये चंदा दिया
उनका कहना था कि इन उपकरणों में अत्यंत व्यक्तिगत और व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण डाटा मौजूद है। इनमें वित्तीय विवरण, मेडिकल रिकार्ड, पासवर्ड और रणनीतिक दस्तावेज शामिल हैं। बताते चलें, सैंटियागो मार्टिन का नाम उस समय राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया था, जब यह पता चला था कि उसकी कंपनी फ्यूचर गेमिंग ने चुनावी बांड के जरिये राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा 1,368 करोड़ रुपये चंदा दिया है।
पीठ ने याचिका पर केंद्र, ईडी और उसके अधिकारियों को नोटिस जारी किए और इस पर लंबित अन्य मामलों के साथ 17 फरवरी, 2025 को सुनवाई की तारीख तय की। अन्य मामलों में एमेजोन इंडिया के कर्मचारियों और न्यूजक्लिक का मामला शामिल है, जहां याचिकाकर्ताओं ने जांच एजेंसियों द्वारा डिजिटल उपकरणों को जब्त करने के लिए दिशा-निर्देश मांगे हैं।