सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद ने कहा है कि उनका देश छोड़ने का इरादा नहीं था लेकिन आठ दिसंबर को रूसी वायुसेना अड्डे पर ड्रोन हमले के बाद ऐसी स्थितियां बनीं कि उन्हें रूस के लिए रवाना होना पड़ा। दमिश्क पर इस्लामिक संगठन के कब्जे और असद के सीरिया छोड़ने के बाद आठ दिसंबर की स्थितियों पर पहली बार उनका बयान आया है।
रूस में शरण लिए असद ने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि वह सात दिसंबर की रात तटवर्ती लताकिया प्रांत में स्थित रूसी वायुसेना अड्डे पर लड़ाई की योजना बनाने के लिए गए थे। लेकिन उसी समय रूसी अड्डे पर कई ड्रोन से हमला हो गया। इसी के बाद उन्हें देश छोड़ने की सलाह दी गई और वह वहीं से मास्को के लिए रवाना हो गए।
असद ने उन चर्चाओं को खारिज किया है जिनमें कहा गया है कि उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से सीरिया छोड़ा था। उन्होंने कहा, उनकी पद छोड़ने या किसी देश में शरण लेने या किसी को ऐसा कोई प्रस्ताव भेजने की कोई योजना नहीं थी। वह आतंकियों के खिलाफ लड़ाई लड़ना चाहते थे लेकिन अचानक स्थितियां बदल गईं और उन्हें देश छोड़ना पड़ा।