नई दिल्ली। महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली बंपर जीत के बाद सभी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के दौरान इन दोनों राज्यों में राजग उतना अच्छा नहीं कर पाया, इसके पीछे की वजह आखिर क्या रही? जबकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों ही राज्यों में राजग का जनाधार बेहतर रहा था।
विधानसभा चुनाव में चौंकाने वाले नतीजे
लोकसभा चुनाव में जहां राजग को महाराष्ट्र में 48 में से 17 सीटें मिली थीं। वहीं, हरियाणा में 10 में से महज पांच। लेकिन, हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों ही राज्यों में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से भाजपा के हिस्से में 48 सीटें आईं जबकि महाराष्ट्र में 288 सीटों में से महायुति के हिस्से में 235 सीटें आई हैं। ऐसे में इसको लेकर दोनों ही राज्य की जनता से जब सर्वे के दौरान सवाल किया गया तो जवाब बेहद चौंकाने वाले थे।
सर्वे में सामने आई ये बात
मैटराइज के सर्वे में जो बात निकलकर सामने आई उसकी मानें तो हरियाणा और महाराष्ट्र की जनता ने लोकसभा चुनाव में हुई अपनी भूल को सुधारते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के पक्ष में वोट किया। इसके लिए मैटराइज की तरफ से महाराष्ट्र में 76,830 लोगों से बात की गई। वहीं, हरियाणा में इस सर्वे में 53 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के द्वारा भाजपा पर संविधान बदलने को लेकर जो नैरेटिव सेट किया गया, वह तब तो काम कर गया, लेकिन, विधानसभा चुनाव में इसका असर कहीं देखने को नहीं मिला। दोनों ही राज्यों के विधानसभा चुनाव में विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर नजर आए राहुल गांधी के प्रति वहां की जनता के मन में विश्वास की कमी दिखी।
किसान, जवान और पहलवान का जो मुद्दा हरियाणा में कांग्रेस लेकर घूम रही थी, वह भी जनता के बीच कामयाब नहीं रहा। सर्वे में जनता से जब इसको लेकर सवाल पूछा गया तो अधिकांश जनता ने कहा कि उनके अंदर इस बात का डर था कि विपक्ष के काम से देश कमजोर हो सकता है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में जो गलती हमने की उसको विधानसभा चुनाव में नहीं दोहराया और इसी का नतीजा रहा कि भाजपा को दोनों राज्यों में इतनी बड़ी जीत मिली।