11:54 am Saturday , 19 April 2025
Breaking News

EVM वेरिफिकेशन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई; पढ़ें याचिकाकर्ता की दलील पर क्या बोली अदालत?

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के सत्यापन की नीति संबंधी याचिका पर सुनवाई के लिए उसी खंडपीठ के समक्ष जाना चाहिए, जिसने अप्रैल में यह फैसला सुनाया था। इसी खंडपीठ ने फिर से बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग को खारिज कर दिया था।

जस्टिस विक्रम नाथ और पीबी वराले की खंडपीठ ने शुक्रवार को सीजेआइ की रजिस्ट्री को निर्देशित किया कि कांग्रेस नेता करण सिंह दलाल की याचिका पर हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान ईवीएम के सत्यापन का मामला उसी बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए। चूंकि सीजेआई ही रोस्टिंग के तहत फैसले के लिए खंडपीठ निर्धारित करेंगे।

माइक्रोकंट्रोलर की जांच हो: विधायक करण सिंह दलाल
याचिका में कहा गया कि पांच बार के विधायक करण सिंह दलाल की मौजूदा याचिका में चुनाव आयोग को ईवीएम के चार कम्पोनेंट (कंट्रोल यूनिट, बैलट यूनिट, वीवीपैट और सिंबल लोडिंग यूनिट) की मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच और सत्यापन के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है। इस याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि यह प्रक्रिया आठ सप्ताह के भीतर पूरी की जाए।

यह मामला देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनावों को प्रभावित करता है, इसलिए इसे तत्काल और निर्णायक रूप से हल किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने ईवीएम जांच को लेकर क्या फैसला सुनाया था?

इस साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट की तत्कालीन जस्टिस संजीव खन्ना (अब सीजेआई) और दिपांकर दत्ता की खंडपीठ ने देश में चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता को मजबूत करने के उद्देश्य से एक आदेश जारी किया था, जिसमें किसी चुनाव में दूसरे और तीसरे स्थान पर आए उम्मीदवारों के लिखित अनुरोध पर पांच प्रतिशत ईवीएम की इस्तेमाल मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच और सत्यापन का निर्देश दिया गया था। यह जांच ईवीएम के निर्माता कंपनियों के इंजीनियर करेंगे। इस दौरान उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।

About thenewsnowdigital.com

Check Also

ट्रैक के घुमावदार होने और ब्रेक लगाने की दूरी…, इन वजहों से नहीं टल पाया रेल हादसा

उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव में हुई ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 13 …