नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि भारत में तपेदिक (टीबी) के मामलों की दर में 17.7 प्रतिशत की गिरावट आई है। 2015 में प्रति एक लाख आबादी में टीबी के मामलों की संख्या 237 थी, जो 2023 में घटकर 195 हो गई है।
टीबी के उपचार की दिशा में बड़ी सफलता मिली
स्वास्थ्य मंत्री ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि 2015 में प्रति एक लाख जनसंख्या में टीबी से होने वाली मौतें 28 से घटकर 2023 में 22 हो गईं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, देश में दवा प्रतिरोधी टीबी के खतरे के मद्देनजर 2021 में दवा की शुरुआत की गई थी। इस पहल से दवा प्रतिरोधी टीबी के उपचार की दिशा में बड़ी सफलता मिली है। दवा प्रतिरोधी के उपचार की सफलता दर जो साल 2020 में 68 प्रतिशत थी वह इस दवा के बाद बढ़कर 2022 में 75 प्रतिशत हो गई है।
2025 तक टीबी को खत्म करने का उद्देश्य
दवा प्रतिरोधी टीबी में जीवाणु टीबी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयों के प्रति प्रतिरोधी क्षमता विकसित कर लेते हैं जिससे दवाओं का असर नहीं होता है। सरकार ने 2025 तक टीबी को खत्म करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय योजना लागू की है। नड्डा ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि नेस्ले कंपनी के शिशु प्रोडक्ट में एडेड शुगर (अतिरिक्त चीनी) मानकों के अनुरूप पाई गई।
देश में इस समय मंकीपाक्स का कोई मरीज नहीं
स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि देश में मंकीपाक्स या एमपाक्स का कोई सक्रिय मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि 2022 के बाद से एमपाक्स के 33 मामले मिले। इनमें केरल से 17, दिल्ली से 16 मामले शामिल हैं। मंत्रालय ने एमपाक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देश जारी किए हैं। एमपाक्स जिसे पहले मंकीपाक्स के नाम से जाना जाता था संक्रामक वायरल रोग है। इसके लक्षणों में दाने निकलना, फफोले बनना, बुखार शामिल है।
अप्रैल से नवंबर तक 4.2 लाख ई-सिगरेट जब्त
स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि इस साल अप्रैल से नवंबर की अवधि में 4.2 लाख ई-सिगरेट जब्त की गईं। सरकार ने ई-सिगरेट की बिक्री पर रोक लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं।