नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। हाल ही में ऐसी रिपोर्टें सामने आई हैं कि अजहर ने पाकिस्तान के बहावलपुर में एक सभा की और भाषण दिया है।
पाकिस्तान का दोगलेपन उजागर
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि हम उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग करते हैं। उसे न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए। इस बात से इनकार किया जाता रहा है कि वह पाकिस्तान में नहीं है। अगर रिपोर्टें सही हैं तो यह पाकिस्तान के दोगलेपन को उजागर करती हैं। मसूद अजहर भारत पर सीमापार आतंकवाद में शामिल है।
अजहर ने भारत के खिलाफ उगला था जहर
रिपोर्टों के मुताबिक, दो दशक से अधिक समय बाद मसूद अजहर ने पहली बार किसी सभा को संबोधित किया। संभवत: उसने यह सभा पिछले महीने के आखिर में की। इसमें उसने लोगों से जैश में शामिल होने का आह्वान किया जिसे उसने खिलाफत की बहाली के लिए लंबी लड़ाई करार दिया। इसमें उसने यह कहा था कि भारत तेरी मौत आ रही है।
भारतीय नागरिकों की सुरक्षा
रणधीर जायसवाल ने सीरिया की स्थिति पर कहा कि सीरिया के उत्तर में जारी लड़ाई में हाल में आई तेजी पर हमने संज्ञान लिया है। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। सीरिया में लगभग 90 भारतीय नागरिक हैं। इनमें से 14 नागरिक संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न संगठनों में कार्यरत हैं। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए हमारा मिशन उनके करीबी संपर्क में है।
आतंकवाद को बढ़ावा देता है पाकिस्तान
इस साल मार्च में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान जैसे पड़ोसी से निपटने की जटिल स्थिति पर जोर दिया और कहा कि इस्लामाबाद आतंकवाद को शासन कला के एक साधन के रूप में इस्तेमाल करता है और इस तथ्य को छिपाता भी नहीं है। हर देश एक स्थिर पड़ोस चाहता है… हम दुर्भाग्यशाली हैं कि हमारे पश्चिम में एक ऐसा पड़ोसी है जो हमें नसीब नहीं हुआ। आप ऐसे पड़ोसी से कैसे निपटेंगे, जो इस तथ्य को नहीं छिपाता कि वह आतंकवाद को शासन कला के एक साधन के रूप में इस्तेमाल करता है?