दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने मंगलवार को देश के विपक्ष पर संसद को नियंत्रित करने, उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और सरकार को राज्य विरोधी गतिविधियों से पंगु बनाने का आरोप लगाते हुए साउथ कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की।
दरअसल, उन्होंने साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ने एक टेलीविजन ब्रीफिंग में यह घोषणा की, जिसमें उन्होंने उत्तर कोरिया समर्थक ताकतों को खत्म करने और संवैधानिक लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करने की कसम खाई। राष्ट्रपति की घोषणा के बाद लोग सड़क पर उतर आए और पुलिस से भिड़ की खबरें सामने आ रही हैं।
देश के शासन पर क्या पड़ेगा असर?
राष्ट्रपति के इस फैसले से देश के शासन और लोकतंत्र पर क्या असर पड़ेगा इसको लेकर अभी अभी कुछ कहा नहीं जा सका है। हालांकि, इस कदम का राजनेताओं ने तुरंत विरोध किया, जिसमें उनकी अपनी रूढ़िवादी पार्टी के नेता हान डोंग-हून भी शामिल थे, जिन्होंने इस निर्णय को गलत बताया और लोगों के साथ मिलकर इसे रोकने की बात कही।