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Anmol Bishnoi: कौन है लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल, NIA ने गिरफ्तारी के लिए की 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा

नई दिल्ली। जेल में बैठकर भी जुर्म की दुनिया में लॉरेंस बिश्नोई का नाम पूरी दुनिया में गूंज रहा है। बाबा सिद्दीकी की हत्या और सलमान खान के घर में हुई फायरिंग के चलते एक बार फिर से लॉरेंस बिश्नोई का नाम चर्चाओं में है। वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी लॉरेंस बिश्नोई गैंग को पकड़ने के लिए कोई रास्ता नहीं छोड़ना चाह रही है।

बता दें कि एनआईए ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी के लिए 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है। अनमोल पर 2022 में दर्ज दो एनआईए मामलों में आरोपपत्र दाखिल किया गया है।
हाल ही में मुंबई में चल रही जांच, खासकर एक राजनीतिक दल से जुड़ी गतिविधियों के सिलसिले में उसका नाम सुर्खियों में आया था।

अनमोल इस वर्ष की शुरुआत में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के आवास के बाहर हुई गोलीबारी की घटना के सिलसिले में भी वांछित है।
यह घोषणा संगठित अपराध और उससे जुड़ी गतिविधियों में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए एनआईए के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। अधिकारी अनमोल बिश्नोई के ठिकाने के बारे में जानकारी रखने वाले किसी भी व्यक्ति से आगे आने का आग्रह कर रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, अनमोल कई आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा हुआ है और उसे संगठित अपराध में एक अहम व्यक्ति माना जाता है। अधिकारियों का मानना ​​है कि उसकी गिरफ्तारी से पूरे क्षेत्र में अवैध गतिविधियों में शामिल व्यापक नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है।

अनमोल की गिरफ्तारी के लिए 10 लाख के इनाम की घोषणा
एनआईए ने अनमोल को पकड़ने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं, इसलिए अधिकारी लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे ऐसी कोई भी जानकारी दें जिससे उसे पकड़ने में मदद मिल सके। यह घोषणा संगठित अपराध से निपटने और सार्वजनिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए एजेंसी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

यह कदम एनआईए द्वारा प्रतिबंधित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और लॉरेंस बिश्नोई क्राइम सिंडिकेट सहित अन्य की साजिशों और गतिविधियों से संबंधित तीन मामलों में बड़े पैमाने पर बहु-राज्यीय कार्रवाई में कई अवैध हथियार और गोला-बारूद, साथ ही आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और नकदी जब्त करने के लगभग नौ महीने बाद उठाया गया है।

NIA ने की थी कई राज्यों में छापेमारी
जनवरी में एनआईए की टीमों ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के साथ-साथ चंडीगढ़ में कुल 32 स्थानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी में दो पिस्तौल, दो मैगजीन और गोला-बारूद के अलावा 4.60 लाख रुपये की नकदी, दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए।

जनवरी में एनआईए ने जिन मामलों में छापेमारी की, वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बीकेआई और देश में सक्रिय आतंकवादी-गैंगस्टर नेटवर्क द्वारा की जा रही आतंकी गतिविधियों से संबंधित थे। ऐसी गतिविधियों में सीमा पार से हथियार और गोला-बारूद, विस्फोटक और आईईडी जैसे आतंकवादी हार्डवेयर की तस्करी और उन्हें शामिल करना शामिल है।

देश के विभिन्न हिस्सों में बम विस्फोट, लक्षित हत्याएं, जबरन वसूली, आतंकी संगठनों को आतंकी फंडिंग आदि करने के लिए आतंकी संगठनों और संगठित आपराधिक सिंडिकेट के संचालकों/सदस्यों द्वारा आतंकी हार्डवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

कई अपराधों में शामिल है गैंग
लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार समेत उसके साथियों के निर्देश पर चलाए जा रहे संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ एनआईए द्वारा दर्ज मामले में कुल सात स्थानों पर यूए(पी)ए के तहत छापेमारी की गई। सिंडिकेट ने देश के कई राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी अपने माफिया शैली के आपराधिक नेटवर्क फैलाए हैं, जिसमें ‘नामित व्यक्तिगत आतंकवादी’ हरविंदर सिंह उर्फ ​​रिंदा के साथ सक्रिय साजिश है।
ये नेटवर्क कई सनसनीखेज अपराधों में शामिल रहे हैं, जैसे कि लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या, साथ ही प्रदीप कुमार जैसे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की हत्या, तथा व्यापारियों और पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली करना।

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