नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पैट्रोलिंग को लेकर चीन के साथ समझौते की घोषणा के एक दिन बाद सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को कहा कि अभी हम विश्वास बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। रिश्ते बहाल करने के लिए दोनों देशों को एक-दूसरे पर फिर से विश्वास करना होगा।
दोनों देशों को करना होगा एक-दूसरे पर विश्वास
उन्होंने कहा कि अप्रैल 2020 से हमारा यही रुख रहा है और आज भी यही है। इसलिए अभी हम विश्वास बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। यह बनाए गए बफर जोन के संबंध में एक-दूसरे पर नजर रखने और एक-दूसरे को आश्वस्त करने पर बहाल होगा। दोनों को ही एक-दूसरे को फिर से आश्वस्त करना होगा।
विदेश मंत्री बोले- यह दृढ़ कूटनीति का परिणाम
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन समझौते को एक सकारात्मक विकास, बहुत धैर्य और दृढ़ कूटनीति का परिणाम बताया। एक मीडिया समिट में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यह समझौता शांति का आधार है, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में होनी चाहिए, जैसे 2020 से पहले मौजूद थी।
विदेश मंत्री ने की ये अपील
हालांकि, विदेश मंत्री ने इस विषय में सावधानी बरतने और तत्काल परिणामों की अटकलें लगाने में जल्दबाजी न करने की सलाह दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि समझौता अभी हुआ है और अगले कदमों की योजना बनाने के लिए चर्चा और बैठकें होंगी। हम जल्दबाजी में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते।
दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध समाप्त
वहीं, चीन ने मंगलवार को पुष्टि की कि वह पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध को समाप्त करने के लिए भारत के साथ एक समझौते पर पहुंच गया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हाल के समय में चीन और भारत ने चीन-भारत सीमा से संबंधित मुद्दों पर राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से निकट संचार बनाए रखा है।