नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को शक्तियों के पृथक्करण के मुद्दे पर चर्चा की और कहा कि न्यायपालिका द्वारा कार्यकारी शासन उसके संवैधानिक अधिकार क्षेत्र से परे है और यह लोकतंत्र के अनुरूप नहीं है।
उन्होंने बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों से राष्ट्रीय चर्चा को गति देने का आग्रह किया, ताकि कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका द्वारा संवैधानिक भावना का सम्मान सुनिश्चित किया जा सके।