नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल संरक्षण की महत्ता पर जोर देते हुए कहा है कि यह एक नीति भर नहीं है, बल्कि एक प्रयास और पुण्य का काम भी है। जल संचय, जन भागीदारी अभियान की शुरुआत के अवसर पर पीएम ने कहा कि पानी वह पहला पैमाना होगा, जिस पर आने वाली पीढ़ियां हमारा मूल्यांकन करेंगी।
पीएम ने इस अवसर पर जल संरक्षण के लिए रिड्यूस, रियूज, रिचार्ज और रिसाइकिल का मंत्र दिया। इसे समझाते हुए मोदी ने कहा कि पानी तभी बचाया जा सकता है, जब इसकी बर्बादी रुके, खर्च कम किया जाए, दोबारा इस्तेमाल हो, जल के स्त्रोतों को फिर से भरा जाए और दूषित जल को स्वच्छ किया जाए।