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बीफ ले जाने के शक में ट्रेन में बुजुर्ग से मारपीट के आरोपियों को पहले मिली बेल, अब फिर जाएंगे जेल

महाराष्ट्र के धुले एक्सप्रेस ट्रेन में गोमांस ले जाने के संदेह में 72 वर्षीय बुजुर्ग अशरफ अली सैयद हुसैन पर हमला करने वाले तीनों आरोपियों को गिरफ्तारी के कुछ घंटों के बाद जमानत मिल गई. हालांकि, जब सवाल उठे तब GRP ने अन्य गैर जमानती धाराएं जोड़ीं और फिर कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द कर दी. 24 घंटों के भीतर, कल्याण के न्यायिक मजिस्ट्रेट रेलवे कोर्ट ने तीनों की जमानत रद्द कर दी. बताया जा रहा है कि इन्होंने पुलिस भर्ती की परीक्षा दी है.

यह घटना गोमांस ले जाने के संदेह में हुई थी. कोर्ट ने पहले जमानत दी थी, लेकिन ठाणे जीआरपी की ओर से अतिरिक्त गैर-जमानती धाराएं एफआईआर में जोड़े जाने के बाद जमानत रद्द कर दी गई. इन धाराओं को तब जोड़ा गया, जब हर कोई जमानत का विरोध करता हुआ नजर आया. लोग 72 वर्षीय बुजुर्ग के लिए न्याय की मांग कर रहे थे. विपक्षी नेताओं ने भी रेलवे कमिश्नर रविन्द्र शिसवे से मुलाकात की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

ट्रेन में की थी बुजुर्ग की पिटाई
मुंबई पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि तीनों आरोपी पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए मुंबई जा रहे थे. आगे चलकर अगर वे पास होते हैं और फिर उनका पुलिस वेरिफिकेशन होगा और उस दौरान उनका चयन रद्द कर दिया जाएगा. तीन आरोपियों आकाश आव्हाड, नितेश आहिर और जयेश मोहिते को ठाणे जीआरपी ने गिरफ्तार किया था. यह आरोप है कि उन्होंने धुले से मुंबई की ट्रेन में बुजुर्ग की गोमांस ले जाने के संदेह में बेरहमी से पिटाई की.

इन धाराओं को जोड़ने पर रद्द हुई जमानत
पहले कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 15 हजार रुपये के मुचलके आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया था. इसके बाद पुलिस ने BNS की धारा 302 और 311 जोड़ी जो कि गैर जमानती धारा है. इसके बाद कोर्ट ने उनके जमानत के पैसे वापस कर उनकी बेल रद्द करने का आदेश दिया.

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