मुंबई : बीजेपी को मत विभाजन के जरिए ताकतवर जीत का महाराष्ट्र फार्मूला भा गया है। बीजेपी इस मत विभाजन पैटर्न को अपनी चुनावी रणनीति का आधार बनाने की योजना पर काम कर रही है। महाराष्ट्र का इस बार का विधानसभा चुनाव प्रदेश में जातिगत वोट बैंक के विघटन, विखंडन और विभाजन की वजह से ही बीजेपी को ऐतिहासिक बहुमत देने वाला माना जा रहा है। इसीलिए, आने वाले वक्त में देश में जहां-जहां चुनाव हैं, जहां पर जातिगत राजनीति ताकतवर है, वहां बीजेपी अब, वोटिंग पैटर्न बदलने के इस ताकतवर फॉर्म्युले को लागू करने के लिए कमर कस रही है।
बीजेपी के लिए चुनावी रणनीति के लिए काम करने वाली पार्टी की आंतरिक टीम के इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने की खबर है। हर जाति की महिलाएं, युवक और पढ़े-लिखे लोग इस पैटर्न के अहम किरदार माने जा रहे हैं।
एक करोड़ वोटों का अंतर
बीजेपी के महाराष्ट्र में मतदान के अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है कि मत विभाजन के जातिगत फार्मूले की वजह से ही महाराष्ट्र में दोनों गठबंधनों के बीच लगभग 1 करोड़ वोट का फर्क रहा, तो सीटों में 230 के मुकाबले महज 46, यानी जमीन-आसमान का फर्क पड़ा। बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति में शामिल तीनों मुख्य दलों को 3,11,07,146 वोट मिले। मगर, महाविकास आघाडी में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी को 2,17,42,031 वोट, यानी लगभग 1 करोड़ वोट कम मिले।